इस जीवन को समझ ले जो वो भव सागर से निकलता है।। इस जीवन को समझ ले जो वो भव सागर से निकलता है।।
बिसरा सारे अंधियारे को नव प्रकाश से नाता जोड़ें। बिसरा सारे अंधियारे को नव प्रकाश से नाता जोड़ें।
जीने दो मुझे सारी दीवारें तोड़ के। जीने दो मुझे सारी दीवारें तोड़ के।
लगता है ऐसे जैसे हिल मिल दुनिया चलती है। लगता है ऐसे जैसे हिल मिल दुनिया चलती है।
हे वंशीधर ! वंशी तेरी, माँझी हर मंझधार का, धुन तू कोई जगा, जगत के सपनों के आधार का। हे वंशीधर ! वंशी तेरी, माँझी हर मंझधार का, धुन तू कोई जगा, जगत के सपनों के आधार...
जो भी कहता सच कहता हूँ, रखते नहीं हम तो कुछ मन में जो भी कहता सच कहता हूँ, रखते नहीं हम तो कुछ मन में